उत्तराखंड ने रचा इतिहास: मातृ मृत्यु दर में 12.5% की कमी, स्वास्थ्य सेवाओं में हुआ सुधार।

गर्भवती महिलाओं और नवजातों की सुरक्षा में बड़ी सफलता

देहरादून: उत्तराखंड ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक और उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। राज्य में गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की जीवन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए गए प्रयासों के चलते मातृ मृत्यु दर (MMR) में उल्लेखनीय कमी दर्ज हुई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020-22 में उत्तराखंड में प्रति एक लाख गर्भवती महिलाओं में 104 की मृत्यु होती थी। साल 2022-23 में यह आंकड़ा घटकर 91 रह गया है। यानी मातृ मृत्यु दर में 12.5% की गिरावट दर्ज हुई है, जो राज्य के स्वास्थ्य सुधार का बड़ा संकेत है।

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मातृ स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता

स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने कहा कि मातृ स्वास्थ्य राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार का संकल्प है कि मातृ मृत्यु दर को और कम किया जाए तथा हर गर्भवती महिला को सुरक्षित और सम्मानजनक प्रसव सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि पर कहा कि यह राज्य सरकार की समर्पित नीतियों, स्वास्थ्यकर्मियों की अथक मेहनत और सामुदायिक सहभागिता का परिणाम है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मातृ स्वास्थ्य को और मजबूत बनाने के लिए सतत प्रयास जारी रहेंगे।

मातृ मृत्यु दर घटाने के लिए उठाए गए कदम

  • मातृ मृत्यु निगरानी एवं प्रतिक्रिया (MDSR) को अधिक कारगर बनाया गया।
  • जन्म तैयारी और जटिलता प्रबंधन (BPCR) की पहचान कर समय पर कार्रवाई की गई।
  • लक्ष्य प्रमाणित प्रसव कक्षों और मातृत्व OTs का विस्तार किया गया।

इन प्रयासों से गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सम्मानजनक प्रसव सेवाएं सुनिश्चित हो रही हैं।

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